Gorakhpur: गोरखपुर तेजी से औद्योगिक विकास के पथ पर अग्रसर है. राज्य सरकार की योजनाओं और निवेशकों की रुचि के चलते गोरखपुर के धुरियापार में एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है. इसे “ग्रेटर गीडा” का नाम दिया गया है. यह क्षेत्र ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर विकसित हो रहा है और इसमें औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ आवासीय, व्यावसायिक और हरित क्षेत्रों का भी प्रावधान किया गया है. वहीं करीब 34 साल पहले नोएडा की तर्ज पर बसाया गया गीडा भी नए मुकाम हासिल कर रहा है. यहां इस वर्ष कई बड़ी कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने में रुचि दिखाई है. आइए, नजर डालते हैं यूपी के नए बस रहे ‘नोएडा’ और ‘ग्रेटर नोएडा’ की साल 2024 की विकास यात्रा पर –
धुरियापार में औद्योगिक क्रांति का आगाज़: गोरखपुर का धुरियापार क्षेत्र औद्योगिक विकास की नई गाथा लिखने जा रहा है. ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर यहां ग्रेटर गीडा का निर्माण हो रहा है, जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. इस विकास के पहले चरण में लगभग 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसमें से 300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पहले ही पूरा हो चुका है.
धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. अदाणी समूह, श्री सीमेंट, टाटा मोटर्स और अमूल जैसी बड़ी कंपनियों ने यहाँ निवेश में रुचि दिखाई है, जो इस क्षेत्र की विकास क्षमता को दर्शाता है. सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन के निर्माण से धुरियापार की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी, जिससे निवेशकों के लिए यह क्षेत्र और भी आकर्षक होगा.
अदाणी समूह की सीमेंट फैक्ट्री: अदाणी समूह धुरियापार में 150 एकड़ जमीन में सीमेंट फैक्ट्री लगाने की योजना बना रहा है. इसके लिए उन्हें धुरियापार चीनी मिल की जमीन आवंटित की जा सकती है. इस जमीन पर पहले से ही मिट्टी भराई और आवागमन के साधन उपलब्ध हैं, जिससे फैक्ट्री लगाने में आसानी होगी. चीनी मिल की जमीन के साथ बगल में खाली जमीन भी उपलब्ध है, जिससे भविष्य में फैक्ट्री के विस्तार की संभावना है.
सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन के निर्माण से धुरियापार की रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे कच्चे माल की ढुलाई और तैयार माल की आपूर्ति आसान होगी. गौरतलब है कि धुरियापार चीनी मिल की जमीन सरकार के पास है. स्थानीय प्रशासन ने अदाणी समूह को जमीन आवंटित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिससे ग्रीन सिग्नल मिलने की संभावना दिखाई देती है.
निवेशकों के लिए और आकर्षक बना गीडा
गीडा औद्योगिक क्षेत्र से गोरखपुर की औद्योगिक पहचान मजबूत हो रही है और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है. पिछले कुछ समय में गीडा में 8800 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है. 318 नई कंपनियों ने गीडा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. पेप्सिको प्लांट का उद्घाटन और कोका-कोला को जमीन आवंटन गीडा की विकास क्षमता को दर्शाता है.
इसके अलावा, टाटा मोटर्स, अमूल, श्री सीमेंट जैसी बड़ी कंपनियां भी निवेश के लिए जमीन तलाश रही हैं. इन नए उद्योगों के आने से लगभग 30,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण से गीडा की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है. यही वजह है कि गीडा निवेशकों के लिए और आकर्षक बन गया है.
गौरतलब है कि गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की स्थापना 34 साल पहले हुई थी. उस समय, यह लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ था, लेकिन वहां इक्का-दुक्का फैक्टरियां ही थीं. अधिकांश प्लाटों पर केवल बाउंड्री बनाकर छोड़ दिया गया था, और औद्योगिक गतिविधियाँ बहुत सीमित थीं.
गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक के अनुसार, धुरियापार में औद्योगिक विकास के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही कंपनियों को जमीन आवंटित की जाएगी. धुरियापार के विकास से गोरखपुर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान मजबूत करेगा और उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
धुरियापार: एक नज़र आंकड़ों पर
- धुरियापार में ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर ग्रेटर गीडा का निर्माण किया जा रहा है.
- पहले चरण में 1600 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा रही है, जिसमें से 300 एकड़ का अधिग्रहण पूरा.
- धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र 17 गांवों में फैले 5754 एकड़ भूमि पर बसाया जाएगा.
- अदाणी समूह, श्री सीमेंट, टाटा मोटर्स और अमूल जैसी बड़ी कंपनियों ने निवेश में रुचि दिखाई है.
- औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
- सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन के निर्माण से क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा.
- औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ आवासीय, व्यावसायिक और हरित क्षेत्रों का भी विकास होगा.
- धुरियापार का विकास गोरखपुर के आर्थिक विकास को गति देगा और इसे एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा.
गीडा: एक नज़र आंकड़ों पर
- गीडा की स्थापना को 34 साल हो चुके हैं.
- गीडा में एमओयू और गैर एमओयू मिलाकर 318 कंपनियां आ चुकी हैं.
- पिछले साल गीडा में लगभग 8800 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
- गीडा में स्थापित हो रही फैक्ट्रियों से 30 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.
- गीडा व आसपास के इलाके में करीब 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
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