Gorakhpur: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में मंगलवार को एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें प्रो. डॉ. क्रिश्चियन वोहलर, इमेज एनालिसिस ग्रुप, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी संकाय, डॉर्टमंड विश्वविद्यालय, जर्मनी, मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए. “चंद्रमा की सतह पर जल की उपस्थिति खोजना” विषय पर उनके व्याख्यान ने अंतरिक्ष अनुसंधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित किया. यह आयोजन IUCAA सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी रिसर्च एंड डेवलपमेंट (ICARD) के तत्वावधान में आयोजित किया गया.
प्रो. क्रिश्चियन वोहलर ने अपने व्याख्यान में चंद्रमा की सतह पर जल के संभावित स्रोतों, उनके अध्ययन के वैज्ञानिक तरीकों और इस क्षेत्र में हुए नवीनतम अनुसंधान पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने चंद्रयान-1 द्वारा किए गए चंद्रमा पर जल के प्रथम वैज्ञानिक पर्यवेक्षण का उल्लेख करते हुए बताया कि यह खोज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कितना महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई. उनके विचारों और ज्ञानवर्धक प्रस्तुति ने श्रोताओं को नई अंतर्दृष्टि और प्रेरणा प्रदान की.
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति और ICARD के समन्वयक प्रो. शांतनु रस्तोगी के स्वागत भाषण से हुआ. उन्होंने मुख्य अतिथि का औपचारिक परिचय भी प्रस्तुत किया. भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रवि शंकर सिंह ने प्रो. वोहलर का सम्मान और धन्यवाद ज्ञापित किया. इस अवसर पर विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्नत करने के प्रयासों का हिस्सा है. इसने न केवल प्रतिभागियों को प्रेरित किया, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को भी प्रोत्साहित किया.
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